अभी तक एसी रेस्त्रां में कारोबारी सर्विस टैक्स, सर्विस चार्ज, स्वच्छ भारत सेस, कृषि कल्याण सेस, फूड और एल्कोहल पर अलग-अलग वैट चुकाते हैं।अगर 8 लोगों के रेस्त्रां में फूड का बिल 6,000 रुपए और एल्कोहल का बिल 2,000 रुपए आता है, तो आप इस पर सभी टैक्स और सेस मिलाकर करीब 31.6% टैक्स चुकाते हैं। यानी 6,000 के बिल पर 1,896 टैक्स चुकाएंगे। लेकिन जीएसटी में कन्ज्यूमर पर एसी रेस्त्रां पर टैक्स 18 फीसदी लगेगा। ऐसे में आपका बिल जीएसटी में 816 रुपए कम हो जाएगा।

GST में ऐसे बदलेगा रेस्टोरेंट शॉपिंग का बिल

बढ़ जाएगा रसोई का खर्च

सरकार ने जीएसटी में फूडग्रेन, दालों और अनाज पर टैक्स नहीं लगाया है क्योंकि ये आम आदमी की बेसिक जरूरत के प्रोडक्ट हैं।हालांकि, सरकार ने ‘ब्रांडेड’ टर्म को जोड़कर फूडग्रेन जैसे दालों और अनाज को 5% के टैक्स ब्रैकेट में रख दिया है। इससे कन्ज्यूमर के लिए पैक्ड फूडग्रेन महंगे हो जाएंगे। यानी किसी कंपनी के आटे की पैकेट, ब्रांडेड दाल  पर 5%  टैक्स चुकाना होगा। इससे आपका रसोई का बिल बढ़ने वाला है।

मोबाइल बिल हो जाएगा महंगा

पोस्टपेड मोबाइल बिल जीएसटी में महंगा हो जाएगा। पहले मोबाइल बिल पर 15%  टैक्स चुकाते थे लेकिन जीएसटी में 18%  टैक्स चुकाएंगे। इसे ऐसे समझें मोबाइल बिल 1,000 रुपए है तो अभी मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर में 150 रुपए टैक्स चुकाते हैं। जबकि, जीएसटी में 180 रुपए टैक्स चुकाएंगे।

रेडीमेड गारमेंट हो जाएंगे महंगे

जीएसटी में 1,000 रुपए से महंगे रेडीमेड गारमेंट पर पहले से ज्यादा टैक्स चुकाना होगा। अभी तक रेडीमेड गारमेंट पर 5%  टैक्स चुकाते हैं लेकिन जीएसटी में 18%  टैक्स चुकाना होगा। यानी 1,000 रुपए के अधिक के गारमेंट पर जीएसटी में 13% ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है। In Image Format

फुटवियर हो जाएंगे सस्ते

जीएसटी में फुटवियर सस्ते हो जाएंगे क्योंकि मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर में फुटवियर पर टैक्स ज्यादा है। जीएसटी में फुटवियर पर टैक्स कम हो गया है। Recommended Articles

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